Published on: 22 Nov 2025
एफडीपी का पाँचवाँ दिन : कृषि एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई और प्रिसीजन टेक्नोलॉजी का समावेश।
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर द्वारा आयोजित फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) के पाँचवें दिन प्रतिभागियों ने औद्योगिक भ्रमण किया। इस अवसर पर चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, बावल में एक विशेष सत्र आयोजित हुआ, जहाँ प्रतिभागियों के साथ संवाद करते हुए डॉ. एन.के. यादव, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के माध्यम से पौधों की बीमारियों की पहचान एवं पूर्वानुमान पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि एआई आधारित तकनीकें किसानों को समय रहते रोगों की पहचान करने और फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार साबित हो रही हैं।
इसके बाद कार्यक्रम का दूसरा सत्र आईजीयू में जारी रहा। इस सत्र का संचालन डॉ. राजकुमार यादव, एसोसिएट प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक ने किया। उन्होंने डेटा सुरक्षा एवं ऑग्मेंटेशन फ्रेमवर्क द्वारा स्वचालित कीट-पतंगों की पहचान और रोग नियंत्रण विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि सुरक्षित डेटा प्रबंधन और एआई आधारित फ्रेमवर्क कृषि क्षेत्र में कीट नियंत्रण और रोग प्रबंधन को अधिक प्रभावी बना सकते हैं।
इस अवसर पर समन्वयक प्रोफेसर सत्येंद्र बल ने सभी प्रतिभागियों और संसाधन व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कृषि एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में एआई और प्रिसीजन टेक्नोलॉजी के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम में एफडीपी सह-समन्वयक प्रोफेसर पंकज कुमार त्यागी ने कृषि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आईओटी के महत्व को विस्तार से समझाया और उन्होंने यह भी बताया कि जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी एक रिसर्चर अपनी लाइफ में इस टेक्नोलॉजी को ले आए ताकि वह नई पीढ़ी के साथ एक समझ बना सके उन्होंने AICTE की अटल विभाग की इस पहल को तकनीकी दिशा में अत्यंत उपयोगी बताया।